किसान मजदुर संघ का उद्देश्य
किसान मजदुर संघ का मुख्य उद्देश्य है कि पुरे भारत का किसान: मजदुर उपेक्षीत है, उनका कोई देख भाल करने वाला नहीं हैं |
१०%. किसान मजदुर गाँव में वास करते हैं, फाटे हाल की जिन्दगी जीवन बसर कर रहे है जबकी धरती को भगवान कहा गया है। किसान
मजदुर एक दुसरे का पुरक है, एकही गाड़ी के दो पहिआ है।उसे राजनीतिज्ञों दोनों को अलग कर रखा हैं।
भारतीय किसान मज़दूर संघ एक गैर-सरकारी संगठन कोई भी स्वैच्छिक नागरिक समूह है जो स्थानीय, राष्ट्रीय या अंतर्राष्ट्रीय
स्तर पर आयोजित किया जाता है। सामान्य हित वाले लोगों द्वारा कार्य-उन्मुख और संचालित विभिन्न प्रकार की सेवा और मानवीय
कार्य करते हैं, नागरिकों की चिंताओं को सरकारों तक पहुंचाते हैं, नीतियों की वकालत और निगरानी करते हैं और सूचना के
प्रावधान के माध्यम से राजनीतिक भागीदारी को प्रोत्साहित करते हैं। हम मानव अधिकार, पर्यावरण या स्वास्थ्य जैसे विशिष्ट
मुद्दों के आसपास संगठित हैं।
हमारा विशेष कार्य
- मनरेगा को किसान से जोड़ा जाए।
- किसान को किसान पेंशन योजना लागू किया जाए ।
- किसान को अपने उपज का मूल्य स्वयं निर्धारण करने का अधिकार दिया जाए ।
- मजदूरों का दैनिक मजदूरी 500 रुपये किया जाए एवं दुर्घटना बीमा 20 लाख किया जाए ।
- किसान मजदुर के बच्चे एवं बचियाओ को निशुल्क शिक्षा की व्यवस्था किया जाए ।
- शिक्षित बेरोजगार युवक और युवतियों को 5000 रूपये महीना बेरोजगारी भता दिया जाए ।
- वृद्धावस्था पेंशन योजना के तहत बुजुर्गों को दी जाने वाली 400 रुपये की राशि को बढ़ाकर 3000 रुपये किया जाना चाहिए।
- विकलांगता पेंशन योजना के तहत विकलांग को दी जाने वाली 400 रुपये की राशि को बढ़ाकर 3000 रुपये किया जाना चाहिए।
- विधवा पेंशन योजना के तहत विधवा महिलाओं को दी जाने वाली 400 रुपये की राशि को बढ़ाकर 3000 रुपये किया जाना चाहिए।
- ये सब प्रस्ताव को लेकर किसान मजदूर संघ किसान मजदूर के बिच जा रहा हैं ताकि हम किसान मजदूर के सारी समस्या का समाधान सरकार से करवा सके एवं किसान मजदूर को एक जुट कर सके ।
हमारी दृष्टि
किसान मजदुर संघ फॉउन्डेशन एक गैर-सरकारी संगठन कोई भी स्वैच्छिक नागरिक समूह है जो स्थानीय, राष्ट्रीय या अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित किया जाता है।
हमारा लक्ष्य
किसान मजदुर संघ का मुख्य उद्देश्य है कि पुरे भारत का किसान: मजदुर उपेक्षीत है, उनका कोई देख भाल करने वाला नहीं हैं | १०%. किसान मजदुर गाँव में वास करते हैं, फाटे हाल की जिन्दगी जीवन बसर कर रहे है जबकी धरती को भगवान कहा गया है। किसान मजदुर एक दुसरे का पुरक है, एकही गाड़ी के दो पहिआ है।उसे राजनीतिज्ञों दोनों को अलग कर रखा हैं।